प्रधानमंत्री मोदी ने दिया देश को नई संसद भवन का तोहफा

user 29-May-2023 Politcs

प्रधानमंत्री मोदी ने दिया देश को नई संसद भवन का तोहफा 

 

नया संसद भवन( New Parliament Building ) कैसा है?  जानिए हर जानकारी

 

भारत का नया संसद भवन (New Parliament of India) बनकर तैयार है। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) नई संसद का उद्घाटन (Inauguration of New Parliament) करने वाले हैं। भारत का नया संसद भवन (New Parliament Building) अलग-अलग वजहों से पिछले काफी समय से चर्चा में है। भारत की नई संसद (New Parliament Building) शानदार आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चर का नमूना है। यह भारत सरकार की महत्वाकांक्षी तथा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

 

भारत के मौजूदा संसद भवन में 1927 से राज्यसभा और लोकसभा दोनों की कार्रवाई होती है और इसे पूरा होने में छह साल लगे हैं। पुराना संसद भवन (Old Parliament Building) जहां भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की क्षमता का प्रतीक है, तो वहीं New Parliament Building नए और स्वतंत्र भारत की आकांक्षा को दर्शाएगा। 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बना यह शानदार भवन भारत में आर्किटेक्चर चमत्कार का प्रतीक होगा।

 

New Parliament Building (नया संसद भवन) केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है। सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान की परिकल्पना सितंबर 2019 में की गई थी। सेंट्रल विस्टा विकास या पुनर्विकास योजना छह साल चलने वाली इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलमपेंट प्रोजेक्ट है जिसमें कई पहलें शामिल हैं।

सेंट्रल विस्टा डेवलमपेंट प्रोजेक्ट की परिकल्पना अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर, नोड्स, एक्सिस, फोकल पॉइंट और टर्मिनेशन के साथ अच्छी तरह से डिजाइन की गई थी।

सेंट्रल विस्टा परियोजना के अन्तर्गत इस नए संसद भवन का निर्माण कराया गया है। नया संसद भवन कई अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। त्रिकोण के आकर में बनाया गया संसद भवन दिव्य और भव्य है। परियोजना की वेबसाइट ने कहा कि त्रिकोणीय आकार इष्टतम स्थान उपयोग सुनिश्चित करने के लिए है।नई संसद की आधारशिला dec 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने रखी थी। इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है। इस भवन को चर्चित वास्तुकार बिमल पटेल ने डिज़ाइन किया है । वह इससे पहले भी कई मशहूर इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं

नए संसद भवन के निर्माण का उद्देश्य 

नए संसद भवन के निर्माण का उद्देश्य निम्नलिखित है-

नया संसद भवन (New Parliament Building) - ख़ुबियाँ

संसद भवन पुराना हो गया था और इंफ्रास्ट्रक्चर अपर्याप्त था, जिस कारण, इसका विकल्प सुझाने हेतु एक समिति का गठन किया था। चूंकि वर्तमान भवन 93 वर्ष से अधिक पुराना है, इसलिए इसमें नए सुरक्षा उपायों और बुनियादी ढांचे को नहीं लगाया जा सकता है।

 

इंफ्रास्ट्रक्चरल चुनौतियों का समाधान करने हेतु भारत सरकार ने सेंट्रल विस्टा परियोजना शुरू की और नए संसद भवन का निर्माण शुरू किया। सेंट्रल विस्टा प्रोग्राम में भारत के उपराष्ट्रपति के लिए एक नए घर का निर्माण, कर्तव्य पथ का पुनरुद्धार, प्रधानमंत्री के लिए एक नया घर व ऑफिस बनाना भी शामिल था।

पुराने भवन में लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 550 और 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। इसकी तुलना में नए भवन में लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों को समायोजित करने की क्षमता होगी। दरअसल, वर्तमान भवन को द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए कभी भी डिजाइन नहीं किया गया था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 से कभी नहीं बदली। हालांकि, 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने का अनुमान है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर स्थिरता केवल 2026 तक ही है। बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है, दूसरी पंक्ति से परे कोई डेस्क नहीं है। आवाजाही के लिए सीमित स्थान होने के कारण यह सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा जोखिम है।

New Parliament Building (नया संसद भवन) का भूमिपूजन समारोह अक्टूबर 2020 में आयोजित किया गया था। नींव दिसंबर 2020 में रखी गई थी।

बिमल पटेल (Bimal Patel) सेंट्रल विस्टा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट हैं। उनके पास दशकों का अनुभव है और वो एक कुशल वास्तुकार हैं। नए संसद भवन (New Parliament Building) का आकार त्रिकोणीय है, और यह मौजूदा संसद भवन के पास ही बना है।

नए संसद भवन लगभग 150 वर्ष तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह भूकंप रोधी है और नई संसद में पूरे भारत के आर्किटेक्चर डिजाइनों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें भारत में प्रचलित लोकप्रिय स्थापत्य शैली की संस्कृति और मूर्तिकला को प्रदर्शित किया जाएगा। चूंकि आने वाले वर्षों में संसद सदस्यों की संख्या बढ़ेगी, इसलिए नए भवन से राज्यसभा और लोकसभा के लिए बैठने की क्षमता होगी। 2026 में परिसीमन पर लगी रोक हटने के बाद सांसदों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

नए संसद भवन की क्षमता लोकसभा की 888 और राज्यसभा की 384 होगी। नए संसद भवन में संयुक्त सत्र होने की स्थिति में लोकसभा के 1272 सदस्य बैठ सकेंगे। नए संसद भवन के अन्य हिस्सों में मंत्रियों और समितियों के कार्यालयों के साथ चार मंजिलें होंगी।

नया संसद भवन (New Parliament Building) के बारे में रोचक बातें

नए संसद भवन के बारे में कुछ रोचक बातें इस प्रकार हैं:

नए संसद भवन का निर्माण क्यों किया गया था?

वर्तमान संसद भवन पूर्ववर्ती 'सदन की परिषद (Council of House)' है, और इसका निर्माण 1927 में किया गया था। विभिन्न संवैधानिक संशोधनों के पश्चात संसद सदस्यों की वर्तमान संख्या 552 है। हालांकि, आने वाले वर्षों में अधिक प्रतिनिधित्व की आवश्यकता को देखते हुए, अधिक जगह की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, बढ़ती जनसंख्या की वजह से संसद के सदस्यों द्वारा अधिक प्रतिनिधित्व की मांग भी बढ़ेगी।

 

 

नई संसद भवन की विशेषताएं

कुल बिल्टअप एरिया

20,886 M2

बैठने की कुल क्षमता

1272

लोकसभा के सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता

888

राज्यसभा के सदस्यों के लिए बैठने की क्षमता

384

कुल फ्लोर

4

आर्किटेक्ट

बिमल पटेल

आर्किटेक्ट फर्म

HCP डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड

कॉनट्रेक्टर

टाटा प्रोजेक्ट्स

उद्घाटन

28 मई 2023

पता

प्लॉट नंबर 8, संसद मार्ग, नई दिल्ली

वेबसाइट

www.centralvista.gov.in  

 

नए संसद भवन में क्‍या है खास

  • नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है.
  • नए संसद भवन में लोकसभा की 888 सीटें हैं।
  • विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की व्यवस्था है।
  • नए संसद भवन में राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं।
  • नया संसद भवन 900 गाड़ियां की पार्किंग का स्थान रखता है।
  • नए संसद भवन में संविधान कक्ष मौजूद है जो इसका प्रमुख आकर्षण है।
  • नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ रुपए है।
  • संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ तीन साल पांच महीने में तैयार किया गया है।
  • नये भवन में अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें मतदान में आसानी के लिए बायोमेट्रिक्स, डिजिटल भाषा व्याख्या या अनुवाद प्रणाली और माइक्रोफोन शामिल हैं।
  • हॉल के अंदरूनी हिस्सों को आभासी ध्वनि सिमुलेशन फिट किया जाएगा ताकि गूंज को सीमित किया जा सके।

 

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