भारत में ‘लिथियम-आयन बैटरी’ के क्षेत्र में क्रांति

user 25-Jan-2022 Business

भारत में ‘लिथियम-आयन बैटरी’ के क्षेत्र में क्रांति लाने की तैयारी 


लुकाज़ बेडनार्स्की की पुस्तक “लिथियम: बैटरी प्रभुत्व और नई ऊर्जा क्रांति के लिए वैश्विक दौड़” के अनुसार लिथियम 21 वीं सदी में ऊर्जा के बारे में हमारे सोचने के तरीके को फिर से परिभाषित कर रही है। लिथियम और इसकी प्रचुरता या फिर इसकी कमी दुनिया और स्वच्छ ऊर्जा के बीच एक पुल के समान है। जैसे-जैसे पारंपरिक ईंधन से चलने वाले वाहनों से दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है, लिथियम-आयन बैटरी की वैश्विक मांग भी बढ़ते जा रही है। बैटरी निर्माण में धातु एक प्रमुख घटक है।

 

वास्तव में लिथियम आज कई चीजों के निर्माण में प्रयोग होता है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर हमारे फोन तक सब कुछ लिथियम-आयन बैटरी पर निर्भर है। बढ़ती मांग के साथ, धातु की कीमतों में तेजी देखी जा रही है और आने वाले वर्षों में इसकी आपूर्ति में कमी की आशंका है। भारत में भी लिथियम एक चर्चा का विषय रहा है। इस साल की शुरुआत में सरकार ने लिथियम-आयन बैटरी के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन पैकेज की शुरुआत की थी। रिलायंस जैसे दिग्गज पहले ही विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की योजना की घोषणा कर चुके हैं, जबकि छोटे नाम भी उत्पादनकर्ता में शामिल हो रहे हैं।source: tfipost


भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। भारत में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मई 2021 में सरकार ने लिथियम-आयन बैटरी के निर्माण, निर्यात और भंडारण को बढ़ावा देने हेतु 18,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ एक उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी। टाटा केमिकल्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और अमारा राजा बैटरीज जैसी घरेलू फर्मों ने पहले ही विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा कर दी है।

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